जबलपुर – मौत के बाद चार लोगों को ‘नई जिंदगी’ देकर गया जबलपुर का सत्येंद्र यादव,ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भोपाल और अहमदाबाद भेजे गए लिवर और हार्ट
जबलपुर - मौत के बाद चार लोगों को 'नई जिंदगी' देकर गया जबलपुर का सत्येंद्र यादव,ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भोपाल और अहमदाबाद भेजे गए लिवर और हार्ट

जबलपुर – अपनी मौत के बाद भी चार लोगों को नई जिंदगी देकर गया है जबलपुर का हुक्म सड़क हादसे में जबलपुर के रहने वाले 31 साल के सत्येंद्र कुमार यादव की मौत हो गई थी गंभीर हादसे का शिकार सत्येंद्र के ब्रेन में काम करना बंद कर दिया था इसके बाद डॉक्टर ने उसे अमृत घोषित कर दिया एक गैस एजेंसी में काम करने वाले सत्येंद्र की मौत के बाद परिजनों ने उसके अंगों को दान करने का फैसला लिया जिसके तहत गुरुवार को जबलपुर में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर मृतक सत्येंद्र कुमार यादव के अंगों को अलग-अलग अस्पताल रवाना किया गया।

मृतक सत्येंद्र कुमार यादव के परिजनों का कहना है कि अंगदान एक महान कार्य है और उन्होंने अपने अमित भाई को दूसरों में जिंदा देखने के लिए ही उसके अंगों को दान करने का निर्णय लिया है इसमें परिवार के सभी सदस्यों की सहमति मिली जिसके बाद ऑर्गन डोनेशन का फैसला लिया। मृतक के अंगों को जबलपुर से बाहर भेजने के लिए दो बार ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। पहला कॉरिडोर डुमना विमानतल से विशेषज्ञों को मेडिकल लाने के लिए और दूसरा कॉरिडोर मेडिकल कॉलेज से अंगों को भोपाल और अहमदाबाद रवाना करने के लिए बनाया गया।
डॉ नवनीत सक्सेना – डीन – नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज – जबलपुर
मेडिकल कॉलेज के डीन के मुताबिक मृतक के लिवर को भोपाल के सिद्धांत सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल भेजने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया जबकि सत्येंद्र के हार्ट को अहमदाबाद के सीआईएमएमएस अस्पताल भेजा गया, इसके अलावा दोनों किडनी को स्थानीय मरीजों को लगाने की योजना बनाई जा रही है।



