जबलपुर के “लंकेश” की हार्टअटैक से मौत,दशानन रावण की प्रतिमा के विसर्जन की कर रहे थे तैयारी तभी लंकेश को आया हार्ट अटैक
जबलपुर के "लंकेश" की हार्टअटैक से मौत,दशानन रावण की प्रतिमा के विसर्जन की कर रहे थे तैयारी तभी लंकेश को आया हार्ट अटैक

जबलपुर और उससे लगे आसपास के जिलों में लंकेश के नाम से मशहूर संतोष नामदेव उर्फ मुन्ना भाई की हार्ट अटैक से मौत हो गई। मुन्ना भाई की पहचान दशानन रावण की पूजा करने वाले भक्त के रूप में होती है, हर साल दशहरे के पर्व पर संतोष नामदेव उर्फ लंकेश दशानन रावण की विशाल प्रतिमा की स्थापना करते हैं और लगातार 10 दिनों तक उनकी पूजा अर्चना करते हैं। जबलपुर से लगे पाटन तहसील के बाजार वार्ड में जब लंकेश उर्फ संतोष नामदेव दशानन रावण की प्रतिमा की स्थापना कर पूजन अनुष्ठान शुरू करते हैं तो देखने वालों की भीड़ लग जाती है। शनिवार की दोपहर जब मुन्ना भाई उर्फ लंकेश उर्फ संतोष नामदेव अपने द्वारा स्थापित रावण की प्रतिमा के विसर्जन की तैयारी कर रहे थे तभी उनके सीने में तेज दर्द उठा उसके बाद उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 72 साल के संतोष नामदेव उर्फ लंकेश पिछले 50 सालों से लगातार नवरात्र के पर्व पर दशानन रावण की प्रतिमा की स्थापना करते आ रहे हैं। रावण के प्रति उनकी भक्ति ऐसी कि पिछले 50 सालों से न केवल वे रावण की प्रतिमा स्थापित करते रहे हैं बल्कि अपने दोनों बेटों का नाम भी रावण के पुत्रों के नाम पर रखा। लंकेश उर्फ संतोष नामदेव के एक बेटे का नाम मेघनाद है तो दूसरे का नाम अक्षय है। पेशे से टेलर मास्टर संतोष नामदेव उर्फ लंकेश को स्थानीय लोग मुन्ना भाई के नाम से भी जानते हैं, उन्होंने अपनी टेलरिंग की दुकान का नाम भी जय लंकेश टेलर्स ही रखा है। हर साल वे रावण के साथ ही भगवान शिव की प्रतिमा रखकर पूजन अर्चन करते रहे हैं। दशानन रावण की प्रतिमा स्थापित कर पूजन अर्चन करने वाले संतोष नामदेव उर्फ लंकेश को शुरुआत में परिवार के विरोध का भी सामना करना पड़ा था लेकिन रावण के प्रति उनकी भक्ति और आस्था में कोई कमी नहीं आई। परिवार के विरोध के बाद भी वे पिछले 50 सालों से रावण भक्ति में ही लीन रहे। इसे संयोग ही कहा जाएगा की रावण की भक्ति करने वाले संतोष नामदेव उर्फ लंकेश की मौत भी रावण के विसर्जन के समय ही हुई। रावण की पूजा करने वाले जबलपुर के लंकेश की मौत से पाटन तहसील में शोक का माहौल है स्थानीय लोग बड़ी तादाद में लंकेश के घर पहुंचे और उनकी रावण भक्ति और रावण के प्रति समर्पण और निष्ठा की जमकर तारीफ करने लगे। स्थानीय लोगों का कहना है कि लंकेश का निधन पूरे पाटन इलाके के लिए अपूरणीय क्षति है।



